Words can create magic and I want to get lost in them for some part of each day.

June 26, 2011

एक कौआ और .

घटायें यूं घिरी 
की रोक न पाया 
जम के नाचा और नहाया 
पंख चिपकाए, सफ़ेद गर्दन दिखलाए 
मुफ्त में सबको खूब हंसाया !
अब मुंडेर पर बैठ के 
खुद को सुखाता है कौआ
झटकता  है पंख , कभी फुलाता है कौआ .
फिल्मी हीरोइन की तरह इतराता है कौआ
सावन का मज़ा असल उठाता है कौआ .

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