Words can create magic and I want to get lost in them for some part of each day.

February 10, 2011

Portrait of Gulzar


इक सोने से   दिल को
वक़्त के सांचे में खूब पकाओ

चाँदी से पिघले लफ़्ज़ों का
फ़िर महका हुआ वर्क चढ़ाओ

प्यार के मीठे बोल ,खट्टे ग़म
नीम सी यादें कुछ मिलाओ 

सुबुक अहसासों का सोता बने फ़िर -
जो कह न सके कोई, उसे पढ़ कायल हो जाओ

उस दिल से निकली हर  बात
से भर जाओ ,पर न भर पाओ.

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