Words can create magic and I want to get lost in them for some part of each day.

September 23, 2011

क्यों है ?

न कोई आहट ,न पुकार ,न निशाँ तेरा 
फिर भी खामोश पानी और गहराते सायों में तेरा गुमां क्यों है ?

ज़ुदा  हैं राहें ,ज़ुदा  मंज़िल ,
 तेरे ज़िक्र पर फिर भी कुछ अब्र और धुआं क्यों है ?

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