न कोई आहट ,न पुकार ,न निशाँ तेरा
फिर भी खामोश पानी और गहराते सायों में तेरा गुमां क्यों है ?
ज़ुदा हैं राहें ,ज़ुदा मंज़िल ,
तेरे ज़िक्र पर फिर भी कुछ अब्र और धुआं क्यों है ?dancing with words and flying in air!
Words can create magic and I want to get lost in them for some part of each day.