घटायें यूं घिरी
की रोक न पाया
जम के नाचा और नहाया
पंख चिपकाए, सफ़ेद गर्दन दिखलाए
मुफ्त में सबको खूब हंसाया !
अब मुंडेर पर बैठ के
खुद को सुखाता है कौआ
झटकता है पंख , कभी फुलाता है कौआ .
फिल्मी हीरोइन की तरह इतराता है कौआ
सावन का मज़ा असल उठाता है कौआ .
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