बांधवगढ़ -ताला वन . |
ये दूर तक फैले बेतरतीब से जंगल
कमाल लगते हैं करीब से जंगल .
जिनमे गदराये शीशम ,सुलगे पलाश
गुत्थम-गुत्था घास ,उलझे-उलझे बांस .
बूढी लताएँ लपेटे ,तने-तने से साल -
सेमल,बीजा ,बेल;महुआ,बेर और आम .
बड़े पत्ते ,सूखे पत्ते, हरे-पीले -लाल पत्ते .
काले तने ,भूरे तने ,सफ़ेद चांदी वाले तने .
नरम,नए कोंपल वाले ;अधपके से पतझड़ वाले.
बौर वाले ,फूल वाले ,खट्टे -मीठे फल वाले .
टेढ़े -मेड़े,झुके,लटके,एक दूसरे से सटे पेड़ .
गिरे पेड़,खड़े पेड़ ,पानियों में पड़े पेड़.
डाल-झुरमुट-छाँव वाले पंछियों के गाँव वाले.
जड़े जिनकी धरा पकडे, आसमा में ठांव वाले.
पत्थरों में भी झूमते हैं - रास्तों संग घूमते हैं .
मैंने घूमा जंगल ,अब जंगल दिल में घूमते हैं.
0 comments:
Post a Comment