Words can create magic and I want to get lost in them for some part of each day.

February 1, 2011

मेरे कमरे में एक हाथी है ...

भ्रष्टाचार को जड़ से मिटा डालो
मोर्चा,धरना,रैली निकालो.
आज हम सभी ने यह ठाना है -
पर भ्रष्टाचार के घर का पता किसे बताना है ?

हम तो ईमानदार हैं
इसीलिए अपने अन्दर झाँकने से कतराते हैं
आँखों के आगे ईमानदारी का खून होता देख मुंह फ़ेर चुप रह जाते हैं .
पर भाषण ,बहस और वार्ता में भ्रष्टाचार को गाली दे फूले न समाते हैं.

धर्म,भाषा,जाति का उन्माद  हमें लाख तोड़ता रहे ,
भ्रष्टाचार कलमाडी,  रेड्डी ; राजा,  राडिया को जोड़ता है !!
या यूं कहें कि सत्ता के बाज़ार में
काला धन छाती ठोक के बोलता है ?

Zephyr एक बहुत संजीदा ब्लॉगर हैं और उन्होंने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाई है http://voteforindia.org/.
क्या आप उनका साथ देंगे ?

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