पुराने दरख्तों की जड़ों की तरह ,
तुम्हारा प्यार दिल में घर करता है -
यूं तो यह कोई बोलने की बात नहीं-
सिर्फ महसूसने की है -पर गर जानना चाहो तो.
बावली सरसों के पीले खेतों की तरह
अचानक कभी जब झूमता है मन, तो
गीत वही गुन-गुनाता है जो खेत को
चूमता हुआ दरख़्त भी गाता है .
कई बार जो , बेबाक
उपर से दीखता नहीं,
आसानी से उखड़ता भी नहीं.
तुम्हारा प्यार दिल में घर करता है -
यूं तो यह कोई बोलने की बात नहीं-
सिर्फ महसूसने की है -पर गर जानना चाहो तो.
बावली सरसों के पीले खेतों की तरह
अचानक कभी जब झूमता है मन, तो
गीत वही गुन-गुनाता है जो खेत को
चूमता हुआ दरख़्त भी गाता है .
कई बार जो , बेबाक
उपर से दीखता नहीं,
आसानी से उखड़ता भी नहीं.
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