Words can create magic and I want to get lost in them for some part of each day.

September 27, 2010

Organising Committee gives a Briefing.

"Dear Guests,Athletes and Countrymen,
Don't squander your tears.
We come hither to bury your Complaints
Not to hear more of them"
Please understand that the Games are not a Mess
This is all over-reaction and Hype -
Created by the alarmist Press: we will soon redress
All the minor  'plaints that are causing this gripe.
We have taken rounds and found that there is no lack of Hygiene;
We Indians are just somewhat "differently Clean".
Foreigners (Fennell ,Hooper & co), do not impose your exalted standards;
On a poor,underdeveloped country of the Third World.
Seepage and snakes are normal after the rains,
The Show will be Big, these are just Teething pains.
A Collapse here and some  Dengue there, do not make a Calamity.
Look at the bigger picture: we are Absolutely Prepared.
All those who threaten India's Prestige are Bewared.
Hail the Games -Delhi will change into a World Class City!
We Promise we will take Good Care of all Guests and Athletes.
But they also better cooperate and not act so Hard  to Please.

September 24, 2010

खेल -तमाशा .

तमाशे तो हो ही रहे हैं
खेल अभी बाकी है.
 बखिया  उधड चुकी  सड़कों पे 
 रेलम -पेल अभी बाकी है .
रिस रहे हैं छत ,गिर रहे हैं पुल
सितम्बर की बारिशों  से  हेलम-हेल  अभी बाकी है.
धडकता है दिल अब
कितनी और नयी इमारतों का होना फेल अभी बाकी है ?
धक्के से बने हर खेल परिसर पे,
उठ रहीं हैं उंगलियाँ ,बनाने वालों की जेल अभी बाकी है.
बिक चुके सब नेता अफसर
देश की इज्ज़त की फुल डिस्काउंट SALE अभी बाकी है.
रह गए बस चंद दिन, सुनते हैं-
CPWD और खेल मंत्रालय का ताल-मेल अभी बाकी है.
कतरा रहा है मेहमान हर आने वाला
  जिनका घर दिल्ली है ,उनके लिए झेलना अझेल अभी बाकी है.
दिल्ली से लुकाये -छिपाए -भगाए
लाखों  ग़रीब -जाने कितनी  ठेलम-ठेल अभी बाकी है?
 मैले-कुचैले तन पर पहने गहने जेवर
देखो दिल्ली की कितनी सुन्दर झांकी है !
खेल तो हों ही जायेंगे
तमाशों में सच कितनी बेबाकी है.

September 20, 2010

Where are the colours of Autumn?

Hail the season of colorful sunsets I thought!
But the Gods were busy hatching a plot.

Pouring cold water on all the festive fun.
Endless,dreary downpour in autumn!

There are only cool grey days and cool grey rains.
Weepy grey trees in slushy grey lanes.

A cool grey dampness has settled on my soul.
Seeping in drop by drop - as I lose control.

Wet newborn puppies and hungry squirrels
All waiting for an end to the endless drizzle.

Oh I want to fly away from this grey swoon
In to a land of golden sunlight and glorious noons.

September 15, 2010

एक कुत्ते की मौत.

कल रात मेरे पड़ोस में एक हादसा हुआ .

दहलीज़  पर  बस  सर  भर  रख  सोने  की  इज़ाज़त  थी उसको.
रोटी के कुछ टुकड़े और प्यार की आस सहारे जी रहा था . 
हर वक़्त बंधे रहने का रश्क करना भी नहीं जानता था.
कैसे भुलाऊँ , उदास आँखों में इंतज़ार लिए  उसकी वो सूरत ...

कल रात एक खूंखार तेंदुए  का निवाला बन गया वो .
खुद को बचाने के लिए रस्सी छुड़ा के भाग तक नहीं पाया .
यह मौत तो एक हादसा थी.
और वह तो सिर्फ एक कुत्ता था.

- इंसानों का दिल बहलाने का एक दिलचस्प खिलौना.
पर न जाने क्यों अफ़सोस  बहुत है मुझे.
इंसानियत  की मौत  का -
खुद्दारी और वफ़ा की मौत का.

September 10, 2010

सितारे,मैं और चाँद .

सारा दिन आसमान की  टूटी छत
टपकती रही -गुमसुम नज़ारों में 
दर्द भरती रही.
शाम को जब दफ्तर के जबड़े से निकली मैं ,
सर में एक भारीपन था-
 जो धीरे-धीरे उतरकर
दिल में पैठ रहा था.
ऐसा लगता था कोई पेंचकस
ले मेरे सब कल-पुर्जे ऐंठ रहा था.
घर पहुंची तो बूंदे रुक चुकी थी
और तन गया था -
एक काला उदास आसमान .
मुंह  फ़ेर के मैं भी अन्दर जाने को थी ,
क़ि पानी में कुछ चमकता सा देखा -
मैले से बादल से निकलने क़ी कोशिश में था ,
इक  धुंधलाया सा चाँद.
मैंने पूछा- तुम्हें  तो आज न आना था ,
बादलों क़ी ओट में बैठ पुराने ज़ख्म सहलाना था ?
चाँद ने कहा ,हाँ ,पर सितारे जिद पर अड़े थे ,
जुल्मी बादलों से लड़ पड़े थे.
हाथों में हाथ धर बोले -चलो
थोडा जी बहल जाए ,
जो तुम संग आसमानों में टहल आयें .
चाँद ने फ़िर थामा मेरा भी हाथ
और पूछी सारी दिल क़ी बात .
सितारे,मैं और चाँद -बहुत देर चलते रहे.
उदासियों के अक्स आहिस्ता से ढलते रहे.
क्या बोलूँ क्या तरकीबे-ख़ुशमिज़ाजी है?
रगों में ज़ुम्बिश, पसीने क़ी बूँद,
चाँद का साथ,दिल में सुकून.

September 2, 2010

नटखट गुलाब .

लगा तो है पडोसी के घर पौधा
पर उसके दो नन्हे गुलाब
नटखट नादान बच्चों कि तरह
बाड़ में से मुंडी घुसेड़
झाँक रहे हैं
मेरे lawn में.

Conjunctivitis!


My eyes are swollen,red and bloodshot
Could it be a corneal hemorrhage or a blood clot?

Some things are lodged in there-sharp needles,dry grit.
And they impinge on my eyeballs-bit by bit.

I can not even cry except in acidic,mucousy streaks
My eyes sting;my eyelids creak.

I can not stand the light-
And sleep joylessly in the night.

Every morning my eyes are sealed shut as if with glue
And you smilingly call it just the Eye Flu?

Doctor! you don't know your cornea from the iris
If you call this horrible disease just seasonal conjucnctivitis.