कहते हैं यहाँ पैसा लगा के कोई नहीं पछताता है.
सौ गुना मुनाफा कमाता है.
जगह बड़ी पते की है .
ये और बात है कि -
अँधेरे खौफनाक हैं यहाँ के
पता नहीं कौन किसको 'rape ' कर
पान खाने , टहलने निकल चला हो .
रौशनी भी कुछ कम खतरनाक नहीं :
पता नहीं,किसने,कैसे ,किसको
गाडी तले कुचला और मुड़ के भी न देखा-
धुएं यहाँ ऐसे ज़हरीले
कि बस फेफड़े जकड लें -
'lungfill ' नहीं 'landfill ' है यहाँ .
वैसे तो सब यहाँ बहुत अच्छा है
घर भी ,कार भी ,पैसा भी :
बिल्डिंगों के जंगल -
भीड़ इतनी कि इंसान गुम हो जाए ,
शोर इतना कि ख़ामोशी चुप रह जाए .
बहुत बढ़िया अस्पताल और स्कूल कालेज है यहाँ -
चाहे किसी रोग का इलाज खरीद लो .
चाहे कैसी भी अक्ल हो -डिग्री और ठप्पा खरीद लो .
समझदारी और सेहत का तो वैसे भी मार्केट down है.
समझदारी और सेहत का तो वैसे भी मार्केट down है.
यहाँ तो जी बड़ी रफ़्तार है ज़िन्दगी में -
बस साँसों में Traffic Jam सा रहता है .
जब सुबह -शाम चींटी की सी कतारों में हम कारों के संग रेंगते हैं
तो कभी यूं ही कानों में अहमक तोतों वाले पीपल के पेड़ शोर मचाते हैं
तब न I -फ़ोन , न I -pad में मुंह छुपा पाते हैं
बस किसी बेकार से शहर की बेकार सी बातें सोच के दिल बहलाते हैं.
वैसे पेड़ तो यहाँ भी हैं - बड़ी हिफाज़त से बचाए हैं
जैसे museum में पुरानी मूर्तियाँ सजा के रखते हैं.
एक नदी भी शायद जो कभी थी :
अब उसका बस प्रेत है
सुनते हैं उसके साथ जो हुआ..
किसी की माँ -बेटी के साथ न हो .
इसलिए सीने में क़ाला विष भरे
बेवा सी नज़र आती है.
पर malls में shopping बहुत अच्छी है :
ऐसी कोई चीज़ नहीं जो यहाँ नहीं :फिर भी..