सुबह के धुंधलके में या
रात खत्म होने के झुटपुटे में ,
नींद और ख्वाब के बीच
डोलते हुए जो जगह है
उसमे रहती हैं -
कई उम्मीदें ,कई ख्याल
प्यारी यादें ,झिझक से परे -
निश्चय , और उधेड़ - बुन से दूर
साहस और विश्वास
उस प्यारी जगह
को संभाल कर रखना
शायद सच वहीँ है
जो हम तेज़ रौशनी में
और अँधेरे सायों में
न देख , न समझ पाते हैं .
रात खत्म होने के झुटपुटे में ,
नींद और ख्वाब के बीच
डोलते हुए जो जगह है
उसमे रहती हैं -
कई उम्मीदें ,कई ख्याल
प्यारी यादें ,झिझक से परे -
निश्चय , और उधेड़ - बुन से दूर
साहस और विश्वास
उस प्यारी जगह
को संभाल कर रखना
शायद सच वहीँ है
जो हम तेज़ रौशनी में
और अँधेरे सायों में
न देख , न समझ पाते हैं .
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