खौलते तेल में पानी की बूंदों सी
अजब ज़ुबां रखती है वो -
उचटते रहते हैं लफ्ज़ उसके,
दिमाग में देर तक-
कान में छाले पड़ जाते हैं,
दिल से धुंआ सा उठता है .
चिलकन आँखों में देते हैं .
जाने कब से उबल रही होगी ?
तड़कने को फड़क रही होगी?
dancing with words and flying in air!
Words can create magic and I want to get lost in them for some part of each day.
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