February 14, 2011
February 10, 2011
February 7, 2011
Oooh Eggs !
Fried eggs
With lacy brown edges
Somewhat tattered -
With a Sunshine heart
That oozes with cheesy,buttery
Warmth and Goodness.Just an Egg.
I am just an egg
I get addled,scrambled .
You can break my heart easily
Turn me to mush.
But when the heat is on:
I can stand it with aplomb,
Know anyone who can
be cracked , coddled, but still remains whole :
without whom you can not start the day ?
February 6, 2011
एक बात .
पुराने दरख्तों की जड़ों की तरह ,
तुम्हारा प्यार दिल में घर करता है -
यूं तो यह कोई बोलने की बात नहीं-
सिर्फ महसूसने की है -पर गर जानना चाहो तो.
बावली सरसों के पीले खेतों की तरह
अचानक कभी जब झूमता है मन, तो
गीत वही गुन-गुनाता है जो खेत को
चूमता हुआ दरख़्त भी गाता है .
कई बार जो , बेबाक
उपर से दीखता नहीं,
आसानी से उखड़ता भी नहीं.
तुम्हारा प्यार दिल में घर करता है -
यूं तो यह कोई बोलने की बात नहीं-
सिर्फ महसूसने की है -पर गर जानना चाहो तो.
बावली सरसों के पीले खेतों की तरह
अचानक कभी जब झूमता है मन, तो
गीत वही गुन-गुनाता है जो खेत को
चूमता हुआ दरख़्त भी गाता है .
कई बार जो , बेबाक
उपर से दीखता नहीं,
आसानी से उखड़ता भी नहीं.
February 1, 2011
मेरे कमरे में एक हाथी है ...
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटा डालो
मोर्चा,धरना,रैली निकालो.
आज हम सभी ने यह ठाना है -
पर भ्रष्टाचार के घर का पता किसे बताना है ?
हम तो ईमानदार हैं
इसीलिए अपने अन्दर झाँकने से कतराते हैं
आँखों के आगे ईमानदारी का खून होता देख मुंह फ़ेर चुप रह जाते हैं .
पर भाषण ,बहस और वार्ता में भ्रष्टाचार को गाली दे फूले न समाते हैं.
धर्म,भाषा,जाति का उन्माद हमें लाख तोड़ता रहे ,
भ्रष्टाचार कलमाडी, रेड्डी ; राजा, राडिया को जोड़ता है !!
या यूं कहें कि सत्ता के बाज़ार में
काला धन छाती ठोक के बोलता है ?
Zephyr एक बहुत संजीदा ब्लॉगर हैं और उन्होंने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाई है http://voteforindia.org/.
क्या आप उनका साथ देंगे ?
मोर्चा,धरना,रैली निकालो.
आज हम सभी ने यह ठाना है -
पर भ्रष्टाचार के घर का पता किसे बताना है ?
हम तो ईमानदार हैं
इसीलिए अपने अन्दर झाँकने से कतराते हैं
आँखों के आगे ईमानदारी का खून होता देख मुंह फ़ेर चुप रह जाते हैं .
पर भाषण ,बहस और वार्ता में भ्रष्टाचार को गाली दे फूले न समाते हैं.
धर्म,भाषा,जाति का उन्माद हमें लाख तोड़ता रहे ,
भ्रष्टाचार कलमाडी, रेड्डी ; राजा, राडिया को जोड़ता है !!
या यूं कहें कि सत्ता के बाज़ार में
काला धन छाती ठोक के बोलता है ?
Zephyr एक बहुत संजीदा ब्लॉगर हैं और उन्होंने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज़ उठाई है http://voteforindia.org/.
क्या आप उनका साथ देंगे ?
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