Words can create magic and I want to get lost in them for some part of each day.

November 21, 2012

धूप .

धुआं -धुआं सा हट गया है
आज कोहरा छट गया है।

सफर था जो कंटीला, दुरूह
चलते-चलते कट गया है।

कुछ लिख के ,कह के,सुन के
दर्द बिखर या बँट गया है।

कुछ सह के ,कुछ नदी सम बह के -
गए अँधेरे  : सूरज फिर से डट गया है।  

2 comments:

  1. Positive! Optimistic! Very nice!!
    That's the way life goes on!
    Take care Varsha!

    ReplyDelete