Words can create magic and I want to get lost in them for some part of each day.

March 29, 2011

गर्ल्स हॉस्टल के मोर !

Girls hostel की दीवार से सटे 
इमली के बूढ़े दरख्तों में 
कुछ मोर बसेरा करते हैं.
हर शाम कमरों तक पहुँचती शाखों पे -
कलगी तान ,पंख झुला,
एक सुर-ताल में आलापते हैं .
मेओ-मेओ या मैं हूँ मैं हूँ ?
शायद उन में 
गुज़रे मजनूओं की रूहें बसती हैं !!

March 25, 2011

तरकीब कोई ..

थोड़ी गीली मिटटी 
कुछ भोर की ठंडक 
या हरी दूब नम सी -
बारिश की बूँदें हों ,
चांदनी मद्धम सी.

शबनम के कतरों वाले 
हों अधखिले  गुलाब  ,
नहीं तो ,पत्थर में से फूटे
मीठे पानी का झरना कोई .
माथे के बल 
बने होठों की हंसी ...

कुछ इंतज़ाम करो -
रेत की आंधी जैसी ये नाराज़गी 
कभी आँख सूजाती है ,
कभी दिल जलाती है.
बहुत सताती है.
इसे तमाम करो.

March 24, 2011

जेठ की तैयारी .

देखो तैयारी  में हैं सब पेड़
जेठ के साथ ज़ोर-आज़माइश  की.
बेल,साल,नीम और पीपल 
अशोक,इमली और सेमल.
उतार रहे पुराने पत्तों के पैरहन 
अब नए सब्ज़ दोशाले ओढ़ कर 
सर-चढ़ी धूप के नश्तर तोड़कर 
झुरमुटी छाँव के घर बनायेंगे
हर पंछी और राहगीर को बुलाएँगे .
कितने दूरंदाज़ और खुद्दार हैं पेड़ !

March 15, 2011

घूमते जंगल .

बांधवगढ़ -ताला वन .
ये   दूर  तक  फैले बेतरतीब से जंगल 
कमाल लगते हैं करीब से जंगल .
जिनमे गदराये शीशम ,सुलगे पलाश 
गुत्थम-गुत्था घास ,उलझे-उलझे बांस .
बूढी लताएँ लपेटे ,तने-तने से साल -
सेमल,बीजा ,बेल;महुआ,बेर और आम .
बड़े पत्ते ,सूखे पत्ते, हरे-पीले -लाल पत्ते .
काले तने ,भूरे तने ,सफ़ेद चांदी वाले तने .
नरम,नए कोंपल  वाले ;अधपके से पतझड़ वाले.
बौर वाले ,फूल वाले ,खट्टे -मीठे फल वाले .
टेढ़े -मेड़े,झुके,लटके,एक दूसरे से सटे पेड़ .
गिरे पेड़,खड़े पेड़ ,पानियों में पड़े पेड़. 
डाल-झुरमुट-छाँव वाले पंछियों के गाँव वाले. 
जड़े जिनकी धरा पकडे, आसमा में ठांव  वाले.
पत्थरों में भी झूमते हैं - रास्तों संग घूमते हैं .
मैंने घूमा जंगल ,अब जंगल दिल में घूमते हैं.

March 6, 2011

Portrait of Vikram Seth.



A whiff of yearning and romance
Loss,loneliness - memories that linger
Vikram's magical pen is like no man's
Lyrical sonnets drip off his fingers...
Gentle watercolours of words
leading - even the philistines towards
A heart more appreciative
of subtle phrases which hold one captive
to his stories of everyday profoundness.
Shining the light on what we see and know
but still remains unsaid ; till a Vincent Van -Gogh
Puts it on a canvas with astounding finesse.
What wit and heart,what turn of phrase!
What Joy to behold such cleverness with such Grace !!